इंसान हर तरह से टूट जाता है और चाह कर भी उसकी भरपाई नहीं हो पाती इंसान हर तरह से टूट जाता है और चाह कर भी उसकी भरपाई नहीं हो पाती
ये जो माटी ढेर है, 'मैं' माया का दास। माया गई तो मैं भी, खाक बचा अब पास।। ये जो माटी ढेर है, 'मैं' माया का दास। माया गई तो मैं भी, खाक बचा अब पास।।
जलन के हर बार एहसास नए पाता हूँ..... जलन के हर बार एहसास नए पाता हूँ.....
किसी को गिरा के कोई नज़रों से गिर गया किसी को उठा के कोई रुतबे में बढ़ गया किसी को गिरा के कोई नज़रों से गिर गया किसी को उठा के कोई रुतबे में बढ़ गया
मैं अपनी सुलगन को उसकी धुएँ में उछालता रहा, वो हर बार अपनी जलन को ऐश-ट्रे में डालता रहा, मैं अपनी सुलगन को उसकी धुएँ में उछालता रहा, वो हर बार अपनी जलन को ऐश-ट्...
मोहब्बत किसको कितनी थी मालूम हुआ, जब नशेमन ने 'राही' सुला कर रख दिया। मोहब्बत किसको कितनी थी मालूम हुआ, जब नशेमन ने 'राही' सुला कर रख दिया।